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Tuesday, April 21, 2015

अवसर की पहचान

अवसर की पहचान
एक नौजवान आदमी एक किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास गया. किसान ने उसकी ओर देखा और कहा, “युवक, खेत में जाओ. मैं एक-एक करके तीन बैल छोड़ने वाला हूँ, अगर तुम तीनों बैलों में से किसी भी एक की पूँछ पकड़ लो तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूंगा.”
नौजवान खेत में बैल की पूँछ पकड़ने की मुद्रा लेकर खडा हो गया. किसान ने खेत में स्थित घर का दरवाजा खोला और एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक बैल उसमे से निकला. नौजवान ने ऐसा बैल पहले कभी नहीं देखा था. उससे डर कर नौजवान ने निर्णय लिया कि वह अगले बैल का इंतज़ार करेगा और वह एक तरफ हो गया जिससे बैल उसके पास से होकर निकल गया.
दरवाजा फिर खुला. आश्चर्यजनक रूप से इस बार पहले से भी बड़ा बैल निकला. नौजवान ने सोचा कि इससे तो पहला वाला बैल ठीक था. फिर उसने एक ओर होकर बैल को निकल जाने दिया.
दरवाजा तीसरी बार खुला. नौजवान के चेहरे पर मुस्कान आ गई. इस बार एक छोटा और मरियल बैल निकला. जैसे ही बैल नौजवान के पास आने लगा, नौजवान ने उसकी पूँछ पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूँछ सही समय पर पकड़ ले. पर उस बैल की पूँछ थी ही नहीं.

आपने लोगों को कहते सुना होगा कि उन्हें अवसर नहीं मिला, लेकिन ये केवल अपनी जिम्मेदारी से भागने और गलती को छुपाने का बस एक बहाना है. नियति हमें ढेरों अवसर देती है. अवसर हमारे सामने आते जाते रहते हैं पर हम उन्हें पहचान नहीं पाते हैं या अवसर की पहचान करने में देर कर देते हैं और कई बार हम इसलिए चूक जाते हैं क्योंकि हम एक बड़े अवसर की ताक में रहते हैं पर अवसर बड़ा या छोटा नहीं होता है. हमें हर अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिए.

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